फर्जी शिक्षिका को बचाने में लगा शिक्षा विभाग,फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद भी फर्जी शिक्षिका पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं

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आदर्श सिंह पूर्वांचल ब्यूरो प्रभारी।

 

लखनऊ।फर्जी मार्कशीट बनवा कर शिक्षामित्र व सहायक अध्यापक बनी श्रीमती रीता राव के नियुक्ति के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी विकास खंड बेलहर कला से अग्रेतर कार्रवाई के लिए अभिलेखों के अनुसार स्पष्ट आख्या मांगा है। प्रकरण उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के विकासखंड बेलहर कला के बढ़ाया बाबू कम्पोजिट विद्यालय का जहां श्रीमती रीता राव ने फर्जी मार्कशीट लगाकर शिक्षामित्र व सहायक अध्यापक बनकर सरकारी धन को वेतन के रूप में कई वर्षों से लिया है जब शिकायत हुई तो श्रीमती रीता राव के फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षामित्र श्रीमती रीता राव की सेवा को जांच के बाद तत्काल समाप्त कर दिया है।मगर रीता राव पर कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं की गई न ही वेतन के रूप में लिए गए धनराशि की वसूली विभाग ने किया है।सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है मगर शिक्षा विभाग इस पर कोई कार्यवाही करने में कटनी काट रहा है सूत्रों की मानें तो विभाग के अधिकारी फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी फर्जी शिक्षिका को बचाने में लगा है जो फर्जी शिक्षिका रीता राव के हौसलें को बुलन्द कर रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी मार्कशीट बनाने मे संतकबीरनगर मे एक बड़ा रैकेट चलता है,सूत्रों का कहना है कि रीता राव के देवर कौशल किशोर सिंह का बड़ा योगदान है फर्जी डिग्री दिलाने में मगर यह उजागर तब होगा जब इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होगी,बिना जांच तो कुछ भी स्पष्ट होना सम्भव नहीं है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ब्लॉक के एसडीआई से स्पष्ट आख्या मांगा है , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आख्या मांगने के बाद कार्यवाही से संबंधित पत्र बस फाइलों में दबकर बैठा हुआ है, नाम के लिए विभाग लिखा पढ़ी बस कर रहा है।रीता राव को विभाग पूरे तरीके से बचाने का प्रयास करते नजर आ रहा है, सवाल यह है कि जब फर्जीवाड़ा सिद्ध हुआ और रीता राव की सेवा विभाग ने समाप्त किया तो आगे की कार्यवाही क्यों नहीं की गई,शिकायत होने पर फिर विभागीय अधिकारी प्रकरण को दबाने में लगें है।डीएम साहिबा जरा इस फर्जीवाड़े पर भी नजर करिये आपके जिले के शिक्षा विभाग में बड़ा गोलमाल हुआ है और सरकारी धन को कुटीर रचित ढंग से कई वर्षों से वेतन के रूप में रीता राव ने लिया है,संबंधित फर्जी शिक्षिका से वेतन के रूप में लिए गए धनराशि की वसूली होना चाहिए मगर शिक्षा विभाग आज भी रीता राव पर मेहरबान है।


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