बिना नोटिस के ही तहसील प्रशासन ने चला दिया मकान पर बुलडोजर,मकान ध्वस्त

Spread the love

सिद्धार्थनगरउत्तर प्रदेश में भू माफियाओं पर बाबा का बुलडोजर समय समय पर चलता हर जगह दिखाई देता है अनुशासन और नियम के अनुसार बाबा का बुलडोजर उत्तर प्रदेश के कई जगहों पर चला और भू माफियाओं के अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया गया है।उत्तर प्रदेश के जनपद सिद्धार्थनगर में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है जहां प्रशासन का बुलडोजर चला मगर बिना नियम कानून के ही पट्टा धारक के मकान को ध्वस्त करा दिया गया है। सिद्धार्थनगर जनपद के नौगढ़ तहसील क्षेत्र के खलीलपुर का है जंहा पट्टा धारक अब्दुर्रब को बिना नोटिस दिए ही तहसीलदार ने गाटा संख्या 234 नवीन परती से बुलडोजर लगाकर मकान को अनियमित तरीके से ध्वस्त करा दिया गया है।पट्टा धारक को बिना नोटिस के ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को तहसीलदार सिद्धार्थनगर द्वारा किया गया है। जो नियम विरुद्ध है बिना पक्षकार को नोटिस दिए कार्रवाई करना नियम विरुद्ध माना जाता है। आपको बता दें कि सिद्धार्थनगर में अब्दुर्रब को तहसील प्रशासन द्वारा पट्टा दिया गया था जिसका विवाद गहरा हुआ और विवाद मुकदमे में जाकर तब्दील हो गया मुकदमा चला जिसमें जिलाधिकारी ने अपात्र मानते हुए पट्टे को निरस्त कर दिया निरस्त होने के बाद तहसील प्रशासन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक्शन में आया मगर नियमों को दरकिनार कर बिना नोटिस के आनन-फानन में बुलडोजर चलाकर मकान को गिरा दिया है ।पीड़ित पर न्याय की गुहार लगा रहा है और कह रहा है कि बिना नोटिस के ही हमारे मकान को क्यों गिराया गया पट्टा निरस्त अगर हो गया है तो मुझे नोटिस दे दिया जाना चाहिए था बिना किसी सूचना के ही आनन-फानन में मेरा मकान गिराया गया है बुलडोजर चलते समय पट्टेदार का परिवार तहसीलदार से पूछता रह गया और चिल्लाता रह गया कि सर मेरे मुझे नोटिस दिए बिना यह कार्रवाई क्यों की जा रही है आपको बता दें कि पट्टेदार को इतना भी समय नहीं दिया गया कि वह अपने मकान से अपने सामानों को निकाल ले पट्टेदार का काफी सामान नुकसान हुआ है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसी गांव में 132 की भूमि तथा अन्य सरकारीभूमि के जगहों पर मकान बने हुए तथा अन्य अतिक्रमण किए गए हैं उन सरकारी नंबरों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तहसील प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है। राजनीतिक दबाव के चलते एकपक्षीय कार्रवाई ऐसी प्रशासन की नजर आ रही है। संबंध में जब तहसीलदार से वार्ता करने का दूरभाष पर प्रयास किया गया तो तहसीलदार ने फोन रिसीव नहीं किया है।


Spread the love

Related posts

Leave a Comment